भारतीय रेलवे की दूसरी ट्रेन: जब सफर ने नई दिशा ली

🚆 भारतीय रेलवे का दूसरा सफर: जब ट्रेन ने नया मोड़ लिया भारतीय रेलवे का इतिहास केवल लोहे की पटरियों की कहानी नहीं है, बल्कि यह भारत के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की एक रोमांचक यात्रा भी है। 16 अप्रैल 1853 को जब मुंबई से ठाणे तक पहली ट्रेन चली, तो यह भारत के परिवहन क्षेत्र में एक नया अध्याय था। लेकिन इसके बाद, 1 मई 1854 को भारत की दूसरी यात्री ट्रेन ने भी अपने सफर की शुरुआत की, जिसने रेलवे विस्तार को और अधिक गति दी। आइए, इस ऐतिहासिक सफर की कहानी को विस्तार से जानें! 🚄 🚂 ग्रेट इंडियन पेनिंसुलर रेलवे (GIPR): रेलवे के विस्तार की पहली बड़ी पहल भारत की दूसरी ट्रेन को ग्रेट इंडियन पेनिंसुलर रेलवे (GIPR) द्वारा 1 मई 1854 को शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य था मुंबई और पुणे के बीच यातायात को तेज और सुविधाजनक बनाना । 🚉 👉 ट्रेन का रूट: मुंबई से पुणे तक 👉 कोच की संख्या: दो प्रथम श्रेणी कोच, 12 तृतीय श्रेणी कोच और मालवाहक (गुड्स) वैगन 👉 यात्रा की कुल दूरी: लगभग 192 किलोमीटर 👉 ट्रेन की विशेषताएँ: इस ट्रेन को अधिक आरामदाय...